मंगलवार, 10 जनवरी 2012

शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

बुधवार, 24 मार्च 2010

युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5111 ,

युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5111 , नया साल-विक्रमी संवत 2067

पाश्चात्य देशों के अंधानुकरण व अंग्रेजियत के बढते प्रभाव के बावजूद भी आज चाहे बच्चे के गर्भाधान की बात हो या जन्म कीे, नामकरण की बात हो या शादी की, गृह प्रवेश की हो या व्यापार प्रारम्भ करने कीे, सभी में हम एक कुशल पण्डित के पास जाकर शुभ लग्न व मुहूर्त पूछते हैं। और तो और, देश के बडे से बडे़ राजनेता भी सत्तासीन होने के लिए सबसे पहले एक अच्छे मुहूर्त का इन्तजार करते हैं जो कि विशुद्ध रूप से विक्रमी संवत् के पंचांग पर आधारित होता है। भारतीय मान्यतानुसार कोई भी काम यदि शुभ मुहूर्त में प्रारम्भ किया जाये तो उसकी सफलता में चार चान्द लग जाते हैं। वैसे भी भारतीय संस्कृति श्रेश्ठता की उपासक है। जो प्रसंग समाज में हशZ व उल्लास जगाते हुए एक सही दिशा प्रदान करते हैं उन सभी को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं। राश्ट्र के स्वाभिमान व देश प्रेम को जगाने वाले अनेक प्रसंग चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से जुडे़ हुए हैं। यह वह दिन है जिस दिन से भारतीय नव वशZ प्रारम्भ होता है। आइये इस दिन की महानता के प्रसंगों को देखते हैं :-

ऐतिहासिक महत्व:

1) सृष्टि रचना का पहला दिन : आज से एक अरब 97 करोड़, 39 लाख 49 हजार 108 वशZ पूर्व इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्मा जी ने जगत की रचना इसी दिन की थी।
2) प्रभु राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या आने के बाद राज्याभिषेक के लिये चुना।
3) नवरात्र स्थापना : शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात्, नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।
4) गुरू अंगददेव जी का प्रकटोत्सव : सिख परंपरा के द्वितीय गुरू का जन्मदिवस।
5) आर्य समाज स्थापना दिवस : समाज को श्रेष्ठ (आर्य) मार्ग पर ले जाने हेतु स्वामी दयानन्द सरस्वती ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना।
6) सन्त झूलेलाल जन्म दिवस : सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार सन्त झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए।
7) डा0 हैडगेबार जन्म दिवस : राश्ट्रीय स्वयं सेवक संध के संस्थापक डा0 केशव राव बलीराम हैडगेबार का जन्मदिवस।
8) शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस : विक्रमादित्य की भान्ति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
9) युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5111 वर्ष पूर्व युधििष्ठर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ।

प्राकृतिक महत्व: पतझड की समाप्ति के बाद वसन्त ऋतु का आरम्भ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है। शरद ऋतु के प्रस्थान व ग्रीश्म के आगमन से पूर्व वसन्त अपने चरम पर होता है। फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।

आघ्याित्मक महत्व :

हमारे ऋशि-मुनियों ने इस दिन के आध्याित्मक महत्व के कारण ही वशZ प्रतिपदा से ही नौ दिन तक शुद्ध-साित्वक जीवन जीकर शक्ति की आराधना तथा निर्धन व दीन दुखियों की सेवा हेतु हमें प्रेरित किया। प्रात: काल यज्ञ, दिन में विविध प्रकार के भण्डारे कर भूखों को भोजन तथा सायं-रात्रि शक्ति की उपासना का विधान है। असंख्य भक्तजन तो पूरे नौ दिन तक बिना कोई अन्न ग्रहण कर वशZभर के लिए एक असीम शक्ति का संचय करते हैं। अष्टमी या नवमीं के दिन मां दुगाZ के रूप नौ कन्याओं व एक लांगुरा (किशोर) का पूजन कर आदर पूर्वक भोजन करा दक्षिणा दी जाती है।

वैज्ञानिक महत्व :
विश्व में सौर मण्डल के ग्रहों व नक्षत्रों की चाल व निरन्तर बदलती उनकी स्थिति पर ही हमारे दिन, महीने, साल और उनके सूक्ष्मतम भाग आधारित होते हैं। इसमें खगोलीय पिण्डों की गति को आधार बनाया गया है। हमारे मनीशियों ने पूरे भचक्र अर्थात 360 डिग्री को 12 बराबर भागों में बांटा जिसे रााशि कहा गया। प्रत्येक राशि तीस डिग्री की होती है जिनमें पहली का नाम मेष है। एक राशि में सवा दो नक्षत्र होते हैं। पूरे भचक्र को 27 नक्षत्रों में बांटा गया। एक नक्षत्र 13 डिग्री 20 मिनिट का होता है तथा प्रत्येक नक्षत्र को पुन: 4 चरणों में बांटा गया है जिसका एक चरण 3 डिग्री 20 मिनिट का होता है। जन्म के समय जो राशि पूर्व दिशा में होती है उसे लग्न कहा जाता है। इसी वैज्ञानिक और गणितीय आधार पर विश्व की प्राचीनतम कालगणना की स्थापना हुई।
एक जनवरी से प्रारम्भ होने वाली काल गणना को हम ईस्वी सन् के नाम से जानते हैंं जिसका सम्बन्ध ईसाई जगत् व ईसा मसीह से है। इसे रोम के सम्राट जूलियस सीजर द्वारा ईसा के जन्म के तीन वशZ बाद प्रचलन में लाया गया। भारत में ईस्वी सम्वत् का प्रचलन अग्रेंजी शासकों ने 1752 में किया। अधिकांश राश्ट्रो के ईसाई होने और अग्रेंजों के वि“वव्यापी प्रभुत्व के कारण ही इसे वि“व के अनेक देशों ने अपनाया। 1752 से पहले ईस्वी सन् 25 मार्च से शुरू होता था किन्तु 18वीं सदी से इसकी शुरूआत एक जनवरी से होने लगी। ईस्वी कलेण्डर के महीनों के नामों में प्रथम छ: माह यानि जनवरी से जून रोमन देवताओं (जोनस, मार्स व मया इत्यादि) के नाम पर हैं। जुलाई और अगस्त रोम के सम्राट जूलियस सीजर तथा उनके पौत्र आगस्टस के नाम पर तथा सितम्बर से दिसम्बर तक रोमन संवत् के मासों के आधार पर रखे गये। जुलाई और अगस्त, क्योंकि सम्राटों के नाम पर थे इसलिए, दोनों ही इकत्तीस दिनों केे माने गये आखिर क्या आधार है इस काल गणना कार्षोर्षो यह तो ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होनी चाहिए।
ग्रेगेरियन कलेण्डर की काल गणना मात्र दो हजार वशोंZ के अति अल्प समय को दर्शाती है। जबकि यूनान की काल गणना 3579 वशZ, रोम की 2756 वशZ यहूदी 5767 वशZ, मिश्र की 28670 वशZ, पारसी 189974 वशZ तथा चीन की 96002304 वशZ पुरानी है। इन सबसे अलग यदि भारतीय काल गणना की बात करें तो हमारे ज्योतिश के अनुसार पृथ्वी की आयु एक अरब 97 करोड़, 39 लाख 49 हजार 108 वशZ है। हमारे प्रचीन ग्रन्थों में एक-एक पल की गणना की गई है।
जिस प्रकार ईस्वी सम्वत् का सम्बन्ध ईसा जगत से है उसी प्रकार हिजरी सम्वत् का सम्बन्ध मुस्लिम जगत और हजरत मुहम्मद साहब से है। किन्तु विक्रमी सम्वत् का सम्बन्ध किसी भी धर्म से न हो कर सारे विश्व की प्रकृति, खगोल सिद्धान्त व ब्रह्माण्ड के ग्रहों व नक्षत्रों से है। इसलिए भारतीय काल गणना पन्थ निरपेक्ष होने के साथ सृिश्ट की रचना व राश्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं को दर्शाती है। इतना ही नहीं, ब्रह्माण्ड के सबसे पुरातन ग्रन्थ वेदों में भी इसका वर्णन है। नव संवत् यानि संवत्सरों का वर्णन यजुर्वेद के 27वें व 30वें अध्याय के मन्त्र क्रमांक क्रमश: 45 व 15 में विस्तार से दिया गया है। क्या एक जनवरी के साथ ऐसा एक भी प्रसंग जुड़ा है जिससे राष्ट्र प्रेम जाग सके, स्वाभिमान जाग सके या श्रेष्ठ होने का भाव जाग सके र्षोर्षो

कैसे मनाऐं नया साल:
नव वशZ की पूर्व संध्या पर दीप दान करें। घरों में सायंकाल 7 बजे घंटा घडियाल व शंख बजा कर मंगल ध्वनि करके इसका जोरदार स्वागत करें। भवनों व व्यावसायिक स्थलों पर भगवा पताका फहराऐं तथा द्वारों पर विक्रमी संवत 2067 की शुभ कामना सूचक वाक्य लिखें। होर्डिंग, बैनरों, बधाई पत्रों, ई-मेल व एस एम एस के द्वारा नव वशZ की बधाई व शुभ कामनाऐं प्रेषित करें। नव वशZ की प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर मंगलाचरण कर सूर्य देव को प्रणाम करें, प्रभात फेरियां निकालें, हवन करें तथा एक पवित्र संकल्प लें। भारत में अनेक स्थानों पर इस दिन से नौ दिन का श्री राम महोत्सव भी मनाते हैं जिसका समापन श्री राम नवमी के दिन होता है।
तो, आइये! विदेशी को फैंक स्वदेशी अपनाऐं और गर्व के साथ भारतीय नव वर्ष यानि विक्रमी संवत् को ही मनायें तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार करें।

गुरुवार, 4 मार्च 2010

तीखी नोकझोंक हुई मनमोहन-आडवाणी में

तीखी नोकझोंक हुई मनमोहन-आडवाणी में

नई दिल्ली। लोकसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी के बीच कश्मीर पर गुप्त बातचीत और रक्षाकर्मियों के लिए एक पद एक पेंशन योजना लागू करने के मुद्दे को लेकर बुधवार को तीखी नोकझोंक हुई।

वहीं विपक्ष ने एक कथित चीनी घोटाले को लेकर कृषि मंत्री शरद पवार पर राज्यसभा में जमकर हमला किया। प्रधानमंत्री ने आडवाणी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह सैन्य कर्मियों और सरकार के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आडवाणी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2009 के बजट में पूर्व सैनिकों के लिए एक पद एक पेंशन की जिस योजना का वादा किया गया था, उसे आज तक पूरी तरह नहीं लागू किया गया।

मनमोहन सिंह ने कहा, "मैंने जो भी वादा किया था मेरी सरकार ने उसे पूरा किया है। वित्त मंत्री ने बजट में जो वादा किया था उसे भी लागू किया जा चुका है।" आडवाणी ने "न्यूजवीक" में प्रकाशित एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें भारतीय और अमरीकी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर पर गुप्त रूप से पिछले दरवाजे से बातचीत शुरू कर दी है। आडवाणी ने इस पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा।

इस पर मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंतजी ने कितनी बार अमेरिकी प्रतिनिधियों से बातचीत की? कितनी बार उन्होंने संसद को उसके बारे में सूचित किया? ऎसे में आप मुझसे क्यों काल्पनिक प्रश्Aों का जवाब चाहते हैं? मनमोहन सिंह ने आडवाणी के उस आरोप को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत अमरीका के दबाव में शुरू हुई है।
दूसरी ओर राज्यसभा में उग्र विपक्ष ने भाजपा के नेतृत्व में एक अल्पकालिक चर्चा पर पवार के 70 मिनट के जवाब के दौरान उन पर जमकर हमला किया। यह चर्चा जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की मूल्य वृद्धि पर पिछले सप्ताह आयोजित की गई थी। विपक्ष ईधन कीमतों में हुई वृद्धि पर भी उनसे जवाब चाह रहा था, लेकिन पीठासीन अधिकारी पी.जे.कुरियन ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को 2010-11 के बजट पर होने वाली बहस के दौरान उठाया जा सकता है।

आडवाणी ने भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच बातचीत शुरू करने की सरकार की पहल पर भी सवाल खड़ा किया। आडवाणी ने कहा कि इससे देश को अपमान के सिवा और कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।

मंगलवार, 10 नवंबर 2009

राजबब्बर ने जीती प्रतिष्ठा की लड़ाई

राजबब्बर ने जीती प्रतिष्ठा की लड़ाई
नई दिल्ली। लोकसभा की फिरोजाबाद सीट पर हुई प्रतिष्ठा की लड़ाई में कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की बहू डिम्पल यादव को 85000 से अधिक वोटों से हराया।
यह सीट डिंपल के पति एवं सांसद अखिलेश यादव ने पिछले आम चुनाव में जीती थी परन्तु कन्नौज सीट भी जीतने के कारण उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी।
उधर, राज्य विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी बढ़त बनाए हुए है, जबकि भाजपा और सपा को करारा झटका लगा है।
ताजा जानकारी के अनुसार, हैसर बाजार [सु] सीट पर बसपा के दशरथ सिंह चौहान ने कांग्रेस के नीलमणि को आठ हजार से अधिक के अंतर से हराया। सुल्तानपुर जिले की इसौली सीट बसपा उम्मीदवार वीरभद्र सिंह उर्फ सोनू सिहं ने जीत ली है। उन्होंने कांग्रेस के जयनारायण तिवारी को 49 हजार से अधिक मतों से परास्त किया। यह सीट वीरभद्र सिंह के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई थी जो पिछले चुनाव में यहां से सपा के टिकट पर जीते थे और बाद मे विधानसभा से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए थे।
बसपा उम्मीदवार महेन्द्र सिंह राजपूत ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को करारा झटका देते हुए उनके गृह जनपद इटावा जिले की भरथना विधानसभा सीट पर कब्जा कर लिया है। राजपूत ने सपा उम्मीदवार विमल भदौरिया को 32000 मतों से परास्त किया है।
बसपा के उम्मीदवारों सुमन देवी कुशवाहा और राजदेव सिंह ने क्रमश: ललितपुर और रारी [जौनपुर] विधानसभा सीटें जीत ली हैं। ललितपुर सीट पर बसपा उम्मीदवार सुमन देवी कुशवाहा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के चन्द्र भूषण सिंह को 14 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया है। यह सीट सुमन देवी के पति नाथू राम कुशवाहा के निधन से खाली हुई थी।
जौनपुर की रारी विधानसभा सीट पर बसपा के राजदेव सिंह ने सपा के ओमप्रकाश दुबे को 12586 मतो से पराजित किया। यह सीट पिछले चुनाव में जनता दल [यू] के टिकट पर जीते धनंजय सिंह के इस्तीफे से खाली हुई थी। वाराणसी की प्रतिष्ठित कोलसला सीट निर्दलीय प्रत्याशी अजय राय ने 8169 मतों से जीतकर अपना कब्जा लगातार चौथी बार बरकरार रखा है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के जे पी मिश्रा को हराया।

गुरुवार, 5 नवंबर 2009

अपने सांसद प्रत्याशी से पूछिए

जय भारत
अपने सांसद प्रत्याशी से पूछिए
थ् शैक्षणिक योग्यता
थ् पूर्व अनुभव
थ् पारिवारिक पृष्ठभूमि
थ् वर्तमान कार्य व्यवसाय
थ् किससे प्रेरित हुए
थ् क्यों नेता बनना चाहते हैं?
थ् समाज सेवा के अन्य अवसर क्यों अच्छे नहीं लगते?
थ् अपने वेतन मानदेय का क्या करेंगे?
थ् आय, जाति, ध्र्म और राष्ट्र में किसे प्राथमिकता देते हैं?
थ् बालश्रम, महिलाओं, शोषितों, पीड़ितों के लिए आपकी कार्यसूची क्या है?
थ् आपने देश के लिए व्यत्तिफगत तौर पर पिछले 10 वर्ष में क्या किया।
थ् पूरे क्षेत्रा में व्याप्त यातायात की समस्या से निपटने के लिए क्या योजना बनाई ?
थ् विद्यालयों में हुई पफीस बढ़ोतरी से निपटने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी/दल द्वारा सरकार पर क्या दबाव बनाया?
थ् आपकी दश्ष्टि में वर्तमान में राष्ट्रीय समस्याएं कौनतकौन सी है। उनका निवारण कैसे होगा।
थ् यदि आप पहले भी सांसद रह चुके है तो कौन त कौन सी राष्ट्रीय समस्याओं के हल के लिए कितनी बार संसद में आवाज उठाई? या दलगत राजनीति में ही उलझे रहे।
थ् पिछले दस वर्ष में किसी राष्ट्रीय मुद्दे पर उन्होंने कोई वत्तफव्य दिया हो तो बताएं।
थ् जो मुद्दे उठा रहे हैं उनसे संबंध्ति आंकड़े और सबूत उनके पास हैं? यदि हां तो जनता के सामने प्रस्तुत करें।
थ् सेवा के अन्य क्षेत्रा छोड़कर सांसद का चुनाव ही क्यों अपनाया हैं? संसद में पहुंचकर वे क्या करना चाहते हैं?
थ् सक्रिय राजनीति से बाहर रहते हुए कितनी बार क्षेत्रा की समस्याओं के लिए आवाज उठाई? इस क्षेत्रा में बहुत सी समस्याएं हैं, इनके निपटारे के लिए क्या कोई कदम उठाने की कभी कोशिश की ?
थ् पिछले 10 वर्षों में इस पूरे क्षेत्रा के विकास जैसे सड़क, सामुदायिक भवन, स्कूल आदि के लिए आपका क्या योगदान रहा?
थ् आपकी पार्टी को स्विस बैंक में जमा ध्न की याद इस लोकसभा चुनाव में ही क्यों आई, इससे पहले इस मुद्दे पर क्यों नहीं कुछ कहा गया?
थ् यदि आप भाजपा प्रतयाशी है तो जब भाजपा सत्ता में थी तो राम मंदिर बनवाने और धरा-370 को हटवाने, समान नागरिक अध्किार के लिए क्या किया?
थ् इसकी क्या निश्चितता है कि चुनाव जीतने के बाद आप पिफर से अपने वचनों से नहीं भागेंगे?
थ् राष्ट्रहित में क्या योजनाए है आपके दल की, आपकी निजी?
थ् आज से पूर्व आप द्वारा किये गये राष्ट्रहित कार्य?
थ् अंग्रेजों की पफूट डालो राज करो नीति से बचने के उपाय? या उसी की पुष्टि करेंगे बाकी स्वार्थी नेताओं की तरह।
थ् मैं आपको अपना मत क्यों दूं?
थ् क्या आप हमें अंग्रेजी राज से मुक्ति दिला पायेंगे?
थ् क्या आप हमें जाति-ध्र्म-क्षेत्रातभाषा के विवादों से मुक्ति दिलायेंगे।
क्या आप हमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को स्थापित कराएंगे। यही सच्ची स्वाध्ीनता होगी, क्योंकि अभी तक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया है, भारत को कोई नही जानता।
थ् राष्ट्र भाषा का अपमान राष्ट्र ध्वज के समान ही होता है इसलिये भारत के सभी सरकारी कार्य, न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय, संसदीय कार्यवाही आप हिन्दी में करा पायेंगे?
थ् भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा ही नहीं वरन् लंगड़ा, लूला व बहरा भी हो जाता है। इसलिये 125 करोड़ लोगों की भाषा वाला राष्ट्र सर्वोत्तम है और हमसे विश्व है, यही मेरा स्वाभिमान है, हम ही अंतर्राष्ट्रीय है। हम किसी से कम नहीं।
थ् भारत के स्वाभिमान को जगाने के क्या उपाय है आपके पास
थ् क्या आप सबको समान शिक्षा, अपनी राष्ट्र भाषा में उच्च शिक्षा लागू करा पायेंगे? क्योकि भारत में अभी तक उच्चशिक्षा ;अभियंता, चिकितसक, एमबीए, एमसीए, विज्ञान एवं तकनीकी, अन्तरिक्ष, समुद्र, भू विज्ञान आदिद्ध का एक भी महाविद्यालय नही है। इन विद्याओं को पढने के लिए हमें पहले अंग्रेज बनना पडता है। क्या आप मेरे देश के गौरव को बचाने में मेरी सहायता करेगे? सबको रोजगार, समान अध्किार योग्यतानुसार दिला पाएंगे।
थ् आप अपने बच्चो को मेरे गाँव के सरकारी विद्यालय में पढ़ाएंगे/ पढ़ाए है या किसी महानगर के वातानुकुलित 5 सितारा पब्लिक स्कूल में विदेशी गुलामी की भाषा में पढ़ाकर हम पर रोब जमाने के लिए तैयार किए है/करेंगे।
थ् क्या आप सभी औषध्यिों पर उनका विवरण मेरी राष्ट्रभाषा में लिखा पाएंगे।
थ् क्या आप भारत से भ्रटाचार व जातिवाद मिटा पायेंगे। सभी तरह के पफार्म प्रारूप से जाति वाला काला ध्ब्बा मिटा पायेंगे? जिसकी आज अतयन्त आवश्यकता है।
थ् इस देश में ध्र्म परिवर्तन का अध्किार सबको है, जाति परिवर्तन का क्यों नहीं? क्या आप जाति बदलने का अध्किार अर्थात जातिवाद मिटाने में महतवपूर्ण निभा पायेंगे या कर्मानुसार नई जातियों को मान्यता दिला पायेंगे? जो जन्म के नही वरन् कर्म के आध्र पर हो और व्यक्ति के बाद बच्चो को ना परोसी जाये।
थ् अगर आप पूर्व में सांसद रहे है तोतआपने सरकार को कितने सुझाव दिए या दलगत राजनीति में ही उलझे रहे, कितनों पर सुनवाई हुई, नहीं तो क्यों?
थ् आपने संसद में कितने जनहित/राष्ट्रहित के प्रश्न पूछे?
थ् अंग्रेजों ने भारत के स्वाभिमान को मिटाने के लिए भारतीय संस्कृति पर प्रहार करके अंग्रेजी भाषा और अंग्रेजी दिशाहीन, अवैज्ञानिक, अव्यवहारिक भ्रामक, चरित्राहीन, असमान, दोहरे मापदंडों वाली भ्रष्टाचारी, व्याभिचारी, मानवीय मूल्यों से दूर मौद्रिक मूल्यों पर आधरित, पूंजीवादी, सामाज्यवादी, सामन्तवादी शिक्षा व संस्कृति का प्रचार प्रसार किया और स्वतंत्राता के बाद भी वो ही सब जारी रहा। क्या आप भारत में पुनः अपनी सम्पूर्ण वैज्ञानिक संस्कारवान, सत्यनिष्ठवान, कत्र्तव्यनिष्ठ, चरित्रावान, स्पष्ट, समरस, समानता उतपन्न करने वाली शिक्षा प(ति, भारत को विश्वगुरू बनाने वाली संस्कृति स्थापित करा पायेंगे?

शनिवार, 3 अक्तूबर 2009

गांधी जी के साथ याद किए गए शास्त्री जी

फिरोजाबाद तरंग नगर की विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं में धूमधाम से मनाई गई जयंती रंगारंग ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए छात्र-छात्राओं को महापुरुषों के बारे में जानकारी दी
फिरोजाबाद नगर की शैक्षिक संस्थाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सादगी पूर्वक मनाई। इस अवसर पर कालेजों में ध्वजारोहण के पश्चात छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। 'रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम के स्वर गूंजते रहे। इस्लामिया इंटर कालेज में कालेज प्रबंधक गुलाम नवी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। बापू एवं शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों पर चलने का संदेश दिया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। प्रधानाचार्य डा. इमत्याज हुसैन ने बापू के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी। प्राथमिक विद्यालय कपावली और कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कपावली (नारखी) में सामूहिक रूप से एक महोत्सव विद्यालय प्रांगण में आयोजित किया गया। इसमें प्रधान अध्यापक जूनियर हाईस्कूल श4बीर अली और मिथलेश कुमारी ने महात्मा गांधी और शास्त्री के विषय बच्चों को अवगत कराया। श्री पीडी जैन इंटर कालेज में भी उ1त दोनों महापुरुषों की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य आदित्य कुमार गुप्ता ने की। इस अवसर पर कमल कुमार जैन, विमल कुमार शर्मा, साहस कुमार जैन सहित अन्य अध्यापकों ने विचार व्य1त किए। श्री आदिनाथ जैन विद्यालय छोटी छपैटी में गांधी और शास्त्री जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्या आशा कुलश्रेष्ठ ने किया। डा. राम मनोहर लोहिया जूनियर हाईस्कूल में महापुरुषों की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। ध्वजारोहण विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमरपाल सिंह लोधी ने किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं एजी स्कूल सुहाग नगर में भी महापुरुषों की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। महेंद्रा आशुलिप शिक्षा संस्थान की ओर से संचालित विशेष बाल श्रमिक विद्यालय अंबे नगर और कश्मीरी गेट द्वितीय में गांधी के जन्मोत्सव पर ध्वजारोहण किया गया।
श्री तिलक विद्यालय इंटर कालेज, रफी अहमद किदवई जूनियर हाईस्कूल मैमरान में विद्यालय इंचार्ज अमन द्विवेदी ने गांधी और शास्त्री जयंती पर बच्चों को उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दिलाया। स्वामी रामतीर्थ गल्र्स कालेज में प्रधानाचार्य अशोक यादव और वरिष्ठ अध्यापक शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने गांधी और शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया। श्री चिरौंजी लाल छदामीलाल शिक्षा समिति की ओर से संचालित विशेष बाल श्रमिक विद्यालय रसूलपुर प्रथम और द्वितीय में प्रधानाचार्य एके सिंह के नेतृत्व में और रामा कन्या विद्यालय इंटर कालेज में प्रधानाचार्य कल्पना शर्मा के नेतृत्व में जयंती धूमधाम से मनाई।
फोटो नं. १०गांधी जयंती के अवसर पर विद्यालय में बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित करते लोग।
नगर में राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती हर्षोल्लास से मनाई। सभी लोगों ने महापुरुषों के तैल चित्रों पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। कांग्रेस कार्यालय पर इस अवसर पर राम धुन का गायन भी किया गया।
शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती चौराहा गंज स्थित कार्यालय में समारोह पूर्वक आयोजित की गई। इसमें व1ताओं ने निर्णय लिया कि बापू की जयंती पर दलित कार्यकर्ता के यहां सभी लोग सहभोज करेंगे। सभी लोक आसफाबाद स्थित विश्व प्रताप सिंह दिवाकर के यहां सहभोज करने गए। इस अवसर पर शहर इंका अध्यक्ष शफात खान, नसीर अहमद और प्रेमनारायण द्विवेदी ने विचार व्य1त करते हुए महापुरुषों को शत-शत नमन किया। इस अवसर पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष केशव देव, नुरुल हुदा लाला राईन, कुसुम सिंह, मीना यादव, नईम खां सहित सैकड़ों कांग्रेसी उपस्थित थे। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के जिलाध्यक्ष इरफान राही के नेतृत्व में एक गोष्ठी कार्यालय पर आयोजित की गई। इसमें महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर सतीश जैन, हरवंश लाल कपूर, प्रेमचंद्र शंखवार, रामजीलाल जाटव और राधेश्याम आदि उपस्थित थे। जिला कांग्रेस कमेटी (इ) के जिला कोआर्डिनेटर राजेश तिवारी के नेतृत्व में पेमेश्वर गेट पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें नियामत, विमल बाबू, शाहिद रहमान और हरिओम झा आदि उपस्थित थे।
शहर कांग्रेस कमेटी मानवाधिकार प्रकोष्ठ फीरोजाबाद की ओर से गांधी और शास्त्री जयंती पर जिला अस्पताल में र1तदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संदीप तिवारी ने की। इसमें शिवम् तिवारी, संजय श्रोत्रिय, संदीप तिवारी, और अमित उपाध्याय आदि लोग उपस्थित थे। शहर युवक कांग्रेस केमेटी (आई) के अध्यक्ष वैभव चतुर्वेदी ने कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल में मरीजों को फल बांटे।
जायंट्स ग्रुप आफ फीरोजाबाद महिला द्वारा बापू और शास्त्री की जयंती पर सेवा दिवस का आयोजन किया। इसमें ग्रुप की सदस्याओं ने आर्य नगर स्थित नर्सिंग होम में मरीजों का हालचाल भी पूछा। इस अवसर पर सौ या चौहान, कविता खरबंदा, रेखा यादव, अनुपम जैन, नित्या उपाध्याय, कमलेश सचदेवा, नीता गुप्ता और आरती शर्मा सहित दर्जनों सदस्याएं उपस्थित थीं। मानव जन कल्याण और विकास समिति के प्रधान अध्यक्ष बालकृष्ण गुप्त की अध्यक्षता में कश्मीरी गेट पर जयंती मनाई गई। अखिल भारतीय राठौर साहू महासभा ने भी बापू और शास्त्री जयंती विचार गोष्ठी के रूप में मनाई। प्रदेश महामंत्री अहिबरन सिंह राठौर ने गांधी पार्क में गांधी की प्रतिमा पर महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। अखिल भारतीय जन कल्याण सभा और मुस्लिम सेवा समिति की ओर से भी बापू और शास्त्री की जयंती मनाते हुए मिष्ठान वितरण किया। नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा नेहरू युवा केंद्र कार्यालय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।